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सांस्कृतिक अस्मिता की प्रतीक गोमाता Sanskritik Asmit ki prateek gomata
इस पुस्तक के विद्वान लेखक ने एक विस्तृत ऐतिहासिक परिदृश्य प्रस्तुत किया है कि हिन्दू समाज ने किस प्रकार ब्रिटिश शासनकाल में गोरक्षा का बृहद् प्रयास किया था, और किस प्रकार उसे विफल किया गया था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि ब्रिटिश शासक गोरक्षा के प्रश्न को भारत की सांस्कृतिक अस्मिता से जुड़ा हुआ मानते थे और आशंकित थे कि गोरक्षा का अभियान यदि प्रबल हुआ तो उनका साम्राज्य संकटापन्न हो जाएगा।
विमर्श भारत का Vimarsh Bharat ka
विमर्श भारत का Vimarsh Bharat ka
चार वर्षों (2020-21-22-23) में विमर्श के मंच को देश के जाने-माने वक्ताओं ने अपने अनमोल विचारों से समृद्ध किया है। यह पुस्तक उनके विचारों को सार रूप में आप तक पहुंचाने का विनम्र प्रयास है।
हिन्दू और हिन्दू धर्म शब्दों के अर्थ और छल Hindu aur Hindu Dharm Shabdon ke arth aur chhal
Author : Sitaram Goel ;Paperback ; Publisher : VOI Aditya Prakashan ;Pages : 48
वोक़िज़्म का मायाजाल:कुटुंब शक्ति संजीवनी-Wokism Ka Mayajaal : Kutumb Shakti Sanjivn
– यह पुस्तक अभिभावकों, सांस्कृतिक विचारकों और आधुनिक वैचारिक चुनौतियों को समझने वालों के लिए एक अनिवार्य मार्गदर्शिका है।
भीम-मीम गठजोड़: कथ्य और तथ्य Bhim- MIM gathjod
भीम-मीम गठजोड़: कथ्य और तथ्य Bhim- MIM gathjod
भारत में जाति व्यवस्था के नाम पर ऊच नीच का भेद दिखाकर ही अनुचित वर्ग के विरुद्ध इस तरह के षड्यन्त्रौं को मुर्त रूप दिया जाता है। पुस्तक में जातियो की व्यवस्था को शास्त्रीय और ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर विवेचित किया गया है।
सभी पन्थ एकसमान नहीं Sabhi Panth Ek Samaan Nahi
सभी पन्थ एकसमान नहीं Sabhi Panth Ek Samaan Nahi
संजय दीक्षित की यह पुस्तक धर्मों के बीच कई उल्लेखनीय अंतरों को व्यवस्थित, तर्कसंगत, अनुभवात्मक और …
अर्बन नक्सल्स – Urban Naxals
अर्बन नक्सल्स – Urban Naxals
This Book is the Hindi Translation of the book “Urban Naxals” Author : Vivek Agnihotri ; …
वामपंथी दीमक(दुनिया को खोखला कर रही) Vaampanthi Deemak
वामपंथी दीमक(दुनिया को खोखला कर रही) Vaampanthi Deemak
यह पुस्तक वामपंथ की वास्तविकता और उसके रणनीतिक एजेंडों को उजागर करती है।
भोगा हुआ सच – (भारत में इस्लाम-2) Bhoga Hua Sach
भोगा हुआ सच – (भारत में इस्लाम-2) Bhoga Hua Sach
भारत में इस्लामी इतिहास और दुनिया भर में इस्लाम, एक आम दिलचस्पी के दायरे में आ गया है। लोग सच जानना चाहते हैं। वह सच जो छिपाया गया है। यकीन न हो तो यूट्यूब पर एक्स मुस्लिम साहिल, समीर, सचवाला, अलमोसो फ्री, डॉ. फौजिया रऊफ, अमीना सरदार, हारिस सुल्तान, गालिब कमाल, महलीज सरकारी, सना खान, यास्मीन, जफर हेरेटिक, कोहराम, सलीम अहमद नास्तिक को टटोल लीजिए।
हिंदुओं का हश्र – (भारत में इस्लाम-1) Hinduon ka hashr – 1
हिंदुओं का हश्र – (भारत में इस्लाम-1) Hinduon ka hashr – 1
लाहौर और दिल्ली पर तुर्क मुसलमानों के कब्जे के बाद बाकी भारत ने सदियों तक क्या कुछ भोगा-भुगता है, इसके बारे में इतिहास की किताबों में परदा डालकर रखा गया। “भारत में इस्लाम” की इस रोंगटे खड़े कर देने वाली श्रृंखला में वही सत्य उजागर किया गया है, जो बीते आठ सौ सालों के दौरान समकालीन मुस्लिम लेखकों ने दस्तावेजों में दर्ज किया । इस भाग में आप देखेंगे कि किस तरह दिल्ली पर काबिज होते ही तुर्क मुसलमानों ने हिंदुओं के सफाए के इरादे जाहिर किए थे।
सैक्युलरिज्म – राष्ट्रद्रोह का दूसरा नाम Secularism Rashtradroh ka naam
धर्मनिरपेक्षता की विचारधारा ने यूरोपीय ज्ञानोदय (18-19 शताब्दी) के दौरान आकार लिया था। जवाहरलाल नेहरू, जिन्होंने …
हिन्दू समाज संकटों के घेरे में Hindu Samaj Sankaton ke ghere mein
ये पुस्तक Hindu Society Under Siege का हिन्दी अनुवाद हैं
हिन्दू राष्ट्र : हिन्दुओं की रामकहानी
हिन्दू राष्ट्र : हिन्दुओं की रामकहानी
यह कैसा हिंदू राष्ट्र है … अनेक प्रश्न !
लेफ्टेनेंट कर्नल पुरोहित – षड्यंत्र का शिकार देशभक्त? Lt Colonel Purohit-Shadyantra ka Shikaar Deshbhakt?
लेफ्टेनेंट कर्नल पुरोहित – षड्यंत्र का शिकार देशभक्त? Lt Colonel Purohit-Shadyantra ka Shikaar Deshbhakt?
देश के इतिहास में पहली बार सेना के एक अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को …
कितने गाजी आए कितने गाजी गए Kitne Ghazi Aaye, Kitne Ghazi Gaye (Hindi)
कितने गाजी आए कितने गाजी गए Kitne Ghazi Aaye, Kitne Ghazi Gaye (Hindi)
ये पुस्तक २२ नवंबर २०२३ से उपलब्द होगी
छोटी-छोटी कहानियों से भरी, बेबाक और विचारोत्तेजक, ‘ कितने गाजी आए, कितने गाजी गए’ पुस्तक सेना के इस दिग्गज के अपने जीवन की सच्ची कहानियों को सामने लाती है। यह सेना के एक सैनिक के निजी, पेशेवर और पारिवारिक जीवन पर केंद्रित है, जो उन चुनौतियों और संघर्षों की जानकारी देती है, जिनका सामना सैनिक और उनके परिजन करते हैं । बेहद रोचक यह पुस्तक सुधी पाठकों, विशेष रूप से सेना में जाने के इच्छुक युवाओं को भी प्रेरित करेगी ।
नैरेटिव का मायाजाल Narrative Ka Mayajaal
नैरेटिव का मायाजाल Narrative Ka Mayajaal
द्विराष्ट्र सिद्धांत की सच्चाई क्या है? क्यों छल-बल से समाज में मतांतरण अब भी जारी है? क्यों देश का एक राजनीतिक वर्ग बहुसंख्यकों को तोड़ने हेतु उन्हें जातियों मेंबाँटकर टकराव, तो अल्पसंख्यकों को मजहब के नाम पर एकजुट रखने का प्रयास करता है? किसने ब्राह्मणों का दानवीकरण किया? हिंदुत्व पर कैसे विषवमन करके फर्जी हिंदू/भगवा आतंकवाद का नैरेटिव नैरेटिव बनाया गया? जब भगवान् श्रीराम सनातन भारत की सांस्कृतिक पहचान हैं, तो उनकी जन्मभूमि अयोध्यामें मंदिर निर्माण में लगभग 500 वर्ष क्यों लग गए?
साम्यवाद के सौ अपराध – Samyavaad Ke Sau Apradh
स्वतंत्र भारत के प्रत्यक्ष राजनीति में साम्यवादी सफल नहीं हुए। किंतु शिक्षा, मीडिया और विचार-विमर्श के …
मुसलमानो की घर वापसी क्यों और कैसे – Musalmano Ki Gharwapsi Kyo Aur Kaise
मुसलमानो की घर वापसी क्यों और कैसे – Musalmano Ki Gharwapsi Kyo Aur Kaise
घर वापसी की बात मात्र इसी आधार पर नहीं होनी चाहिए कि भारत के मुसलमान और …
मोपला विद्रोह,१९२१ – Moplah Vidroh 1921
मोपला विद्रोह,१९२१ – Moplah Vidroh 1921
मोपला विद्रोह मोपला उपद्रवियों द्वारा हिंदुओं के ऊपर किये गये अत्याचारों की दास्तान है। वीभत्सता, संगठित …
जैसे थे वैसे चले आये – Genocide that was never told Hindi
बांग्ला हिंदुओं के जिहाद और उनके पलायन की कहानियां. यह पुस्तक ऐसे समय में आई है …
मोपला कांड अर्थात मुझे उससे क्या moplah kand arth
मोपला कांड अर्थात मुझे उससे क्या moplah kand arth
स्वातंत्र्यवीर सावरकर की यह पुस्तक मोपलाओं द्वारा किए गए हिंदुओं के उस नृशंस एवं जघन्य नरसंहार का सजीव चित्रण है, जो हर हिंदू के मन और आत्मा को झकझोरकर रख देगी। अगर अभी भी हिंदू समाज नहीं चेता तो 1921 की वीभत्स स्थिति की पुनरावृत्ति हो सकती है।
विषैला वामपंथ Vishaila Vampanth
डॉ राजीव ने सही लिखा है कि ‘विषैला वामपंथ’ कहीं से भी विद्वत्ता से भरा नहीं है लिहाजा, आम आदमी को वामपंथ और वामपंथी कया होते हैं, यह बिलकुल आम आदमी की बोल चाल की भाषा में ही समझाया हे उन्होंने लेकिन फिर भी, लेखक की मेहनत दिख जाती है, जिस तरह की जानकारी जुटाकर उन्होंने इतने सरल तरीके से पेश किया है, आम आदमी शायद न समझे लेकिन पत्रकारिता में जिसके बाल सफेद हुए हैं, ऐसे मेरे जेसे अनुभवी पत्रकार के लिए तो यह सरल सी भाषा में लिखी गयी पुस्तक एक दस्तावेज से कम नहीं।
गौरक्षा संग्राम : Gauraksha Sangram
गौरक्षा संग्राम : Gauraksha Sangram
गाय हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है | गाय माता का स्वरुप है जो अपने पुत्रों को अपना सब कुछ दे-देती है | लेकिन आज धन लोलुप हिन्दू संस्कृति के शत्रु गौमाता एवं गोवंश के शत्रु बन बैठे हैं | पूरा देश इन शत्रुओं के विरूद्ध गौमाता की रक्षा के लिए खड़ा है | इस संग्राम पर प्रकाश डालती यह पुस्तक है |