आनंद मठ- Anand Math
आनंद मठ- Anand Math
आनंद मठ’ बँगला के सुप्रसिद्ध लेखक बंकिमचंद्र चटर्जी की अनुपम कृति है। स्वतंत्रता संग्राम के दौर में इसे स्वतंत्रता सेनानियों की ‘गीता’ कहा जाता था। इसके ‘वंदे मातरम्’ गीत ने भारतीयों में स्वाधीनता की अलख जगाई, जिसको गाते हुए हजारों रणबांकुरों ने लाठी-गोलियाँ खाईं और फाँसी के फंदों पर झूल गए। देशभक्ति का जज्बा पैदा करनेवाला अत्यंत रोमांचक, हृदयस्पर्शी व मार्मिक उपन्यास ।
वन्देमातरम और इस्लामिक नज़रिया Vande Mataram Aur Islamic Nazariya
सेकूलरिज्म ने देश में किस प्रकार से विकार घोले हैं, इसका सबसे बड़ा उदाहरण वन्दे मातरम् है। एक और जहाँ भारत में असंख्य सेनानियों ने वन्दे मातरम् का उद्घोष करते हुए अपने प्राणों का उत्सर्ग कर दिया, वहीं सेकूलरिज्म की आड़ में इस्लामपंथी, देशभक्तों की इस शहादत को केवल इसलिए नकार देते हैं कि इस्लाम उन्हें इस बात की इजाजत नहीं देता। इस्लामपंथियों की यह अपमानजनक उपेक्षा देश के भीतर ना केवल अनावश्यक तनाव पैदा करती है अपितु देश के सामुदायिक सौहार्द को भी नष्ट करती है।
Bankim Chandra Chatterji
These essays on the life and times of Bankim Chandra Chatterji, the great Bengali prose writer, were first published serially in 1894 in Indu Prakash, a Bombay newspaper. They were written by Sri Aurobindo shortly after his arrival in India from England.