सर्वोच्च न्यायालय का ऐतिहासिक निर्णय हिन्दुत्व एक जीवन-पद्धति – Hindutva-Nyayalaya
माननीय न्यायाधीशों ने माना है कि हिन्दुत्व भारतीयता का ही पर्यायवाची है, क्योंकि ‘हिन्दू’ शब्द विदेशियों …
चाणक्य नीति – Chanakya Neeti
चाणक्य नीति – Chanakya Neeti
दैनिक जीवन में सफलता के लिए आचार्य चाणक्य द्वारा लिखित सूत्रों की सटीक व्याख्या विष्णुगुप्त चाणक्य …
समान नागरिक संहिता – एक परिचर्चा Saman Nagrik Sanhita – Ek Paricharcha
ISBN : 987-93-81500-56-9; Pages : 172 ; Suruchi Prakashan
मोदी@20 : सपने हुए साकार Modi @20 Sapne Hue Saakaar
मोदी@20 : सपने हुए साकार Modi @20 Sapne Hue Saakaar
वर्ष 2021 में मोदी जी ने सरकार के प्रमुख के रूप में लगातार बीस वर्ष पूरे किए हैं। प्रख्यात बुद्धिजीवियों और अपने कार्यक्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा संकलित यह पुस्तक, मोदी जी के अद्वितीय शासन के मॉडल के कारण पिछले 20 वर्षों में गुजरात और भारत के मूल रूपांतरण में एक निश्चित और विस्तृत अन्वेषण का एक प्रयास है।
नए भारत के उद्भव की कहानी
इंडिया अर्थात भारत India Arthat Bharat
इंडिया अर्थात भारत India Arthat Bharat
ये पुस्तक “India, That Is Bharat” का हिन्दू अनुवाद है ।
भारत में शिक्षा की राजनीति Bharat mein shiksha ke rajneeti
ख़िलाफ़त आंदोलन Khilafat andolan
ख़िलाफ़त आंदोलन (1919-1924) भारत के मुस्लिमों के बीच ओटोमन तुर्की साम्राज्य के पतन और प्रथम विश्व …
चीन की चुनौती और स्वदेशी Cheenen ki chunauti aur swadeshi
पुरातन काल से भारत स्वदेशी के आधार पर ही स्वावलम्बी और श्रेष्ठ राष्ट्र बना जिसने सम्पूर्ण …
जय भीम वन्देमातरम Jai Bheem Vandemataram
जय भीम वन्देमातरम Jai Bheem Vandemataram
Pre-Order discount 20% ; Release program Aug 30th, 2022.
इस पुस्तक में इन विषयों पर प्रकाश डाला गया है :
1. “जय भीम-जय मीम” (दलित-मुस्लिम एकता) और “जय भीम-लाल सलाम” (दलित वामपंथ) के नारों से दलित बहुजन समुदायों को कैसे धोखा दिया गया और दिया जा रहा है ?
2. कैसे वामपंथ की जड़ों में ही भेदभाव है ।
3. वामपंथ डॉ. अंबेडकर का और अंबेडकरवाद का कैसे विरोध करता है ?
4. वामपंथ और इस्लाम पर डॉ. अंबेडकर का क्या कहना था ?
5. ईसाई धर्म कैसे अस्पृश्यता का समर्थन करता है ?
6. समरस समाज या समाज में समरसता क्या है ?
7. भारतीय समाज के लिए ”जय भीम वन्दे मातरम्” से हमारा क्या अर्थ है ?
वन्देमातरम और इस्लामिक नज़रिया Vande Mataram Aur Islamic Nazariya
सेकूलरिज्म ने देश में किस प्रकार से विकार घोले हैं, इसका सबसे बड़ा उदाहरण वन्दे मातरम् है। एक और जहाँ भारत में असंख्य सेनानियों ने वन्दे मातरम् का उद्घोष करते हुए अपने प्राणों का उत्सर्ग कर दिया, वहीं सेकूलरिज्म की आड़ में इस्लामपंथी, देशभक्तों की इस शहादत को केवल इसलिए नकार देते हैं कि इस्लाम उन्हें इस बात की इजाजत नहीं देता। इस्लामपंथियों की यह अपमानजनक उपेक्षा देश के भीतर ना केवल अनावश्यक तनाव पैदा करती है अपितु देश के सामुदायिक सौहार्द को भी नष्ट करती है।
अम्बेडकर, इस्लाम और वामपंथ Ambedkar, Islam Aur Vampanth
अम्बेडकर, इस्लाम और वामपंथ Ambedkar, Islam Aur Vampanth
ये पुस्तक न सिर्फ बाबा साहब अम्बेडकर के इस्लाम और वामपंथ के प्रति उनके विचारों को पाठकों के सामने रखती है, वरन आज की ताजा राजनीति में इस्लाम एवं वामपंथ के नेतृत्व द्वारा अम्बेडकर को अपना बनाने के प्रयासों—जैसे सीएए (CAA) के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान—के सत्य को उजागर करती है।
आदि देव आर्य देवता Aadi Dev Arya Devata
आदि देव आर्य देवता Aadi Dev Arya Devata
इस अध्ययन में प्रसिद्ध राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शिक्षाविदों की खोजों को मिलाकर संयुक्त रूप से यह बताने का प्रयास किया है कि जनजातीय समाज हिंदू सभ्यता की कुंजी और आधार है।
हिंदुत्व: विभिन्न पहलु – सरलता से Hindutva Vibhinn pehlu
हिंदुत्व: विभिन्न पहलु – सरलता से Hindutva Vibhinn pehlu
यह पुस्तक ‘हिंदुत्व’ से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालती हैं. हिंदुत्व का वास्तविक अर्थ क्या.. हिन्दू होने के मायने.. हिन्दू, हिंदुत्व इन शब्दोंका ऐतिहासिक महत्व… इन सारे विषयों पर विस्तार से चर्चा के गयी हैं.
हमारा संविधान एक परिचय Hamara Samvidhan Ek Parichay
हमारा संविधान एक परिचय Hamara Samvidhan Ek Parichay
यह पुस्तिका बहुत ही सरल और सहज भाषा में, विश्व के सबसे बड़े संविधान और उसकी कार्यप्रणाली को बहुत ही संक्षिप्त रूप में समझाने का प्रयास है। साथ ही, यह संविधान से जुड़ी बहुत सी प्रचलित भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास भी करती है।
स्वदेशी समाज Swadeshi Samaaj
– आज से 120 वर्ष पूर्व जब भारत में शासन व्यवस्था, समाज व्यवस्था के आपसी संबंध एवं उत्तरदायित्व इतने स्पष्ट थे तो स्वतंत्रता की प्राप्ति के बाद हम अपनी ही व्यवस्थाओं को अपनाने की अपेक्षा विदेशी व्यवस्था के साथ आगे क्यों बढ़े?
– जब भारत के गाँव बौद्धिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक रूप से इतने सशत्तफ़ एवं आत्मनिर्भर थे, तब हमने विदेशी, शहरीकरण-मॉडल को अपना कर आगे बढ़ने का निश्चय क्यों किया?
– भारत का मूल विचार, जिसको अनेक महापुरुषों सहित गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने लिपिबद्ध किया, उस विचार को आज आधारहीन, संकीर्ण एवं सांप्रदायिक जैसी संज्ञाएँ कौन लोग दे रहे हैं?
– आर्यों के संबंध में गढ़ी गई कहानियों की वास्तविकता, जिनकी स्पष्टता डॉ- मनमोहन वैद्य ने प्रस्तावना में की है, से भारत को कितना नुकसान हुआ?
हिंदू-पदपादशाही Hindu Padpaadshaahi
हिंदू-पदपादशाही Hindu Padpaadshaahi
शिवाजी महाराज की कलम से उतरे ‘हिंदवी-स्वराज’—इस शब्द मात्र से एक शताब्दी से भी अधिक समय तक जिस बेचैनी से महाराष्ट्र का जीवन तथा कर्तव्य निर्देशित हुआ और उसका आत्मस्वरूप जिस तरह से प्रकट हुआ, वैसा किसी अन्य से संभव नहीं था। मराठों की लड़ाई आरंभ से ही वैयक्तिक या विशिष्ट वर्ग की सीमित लड़ाई नहीं थी। हिंदूधर्म की रक्षा हेतु, विदेशी मुसलिम सत्ता का नामोनिशान मिटाने के लिए तथा स्वतंत्र और समर्थ हिंदवी-स्वराज्य स्थापित करने के लिए लड़ी गई वह संपूर्ण लड़ाई हिंदू लड़ाई थी।
हिंदुत्व Hindutva
हिंदुत्व Hindutva
हिंदुत्व’ एक ऐसा शब्द है, जो संपूर्ण मानवजाति के लिए आज भी अपूर्व स्फूर्ति तथा चैतन्य का स्रोत बना हुआ है। इस शब्द से संबद्ध विचार, महान् ध्येय, रीति-रिवाज तथा भावनाएँ कितनी विविध तथा श्रेष्ठ हैं। ‘हिंदुत्व’ कोई सामान्य शब्द नहीं है। यह एक परंपरा है। एक इतिहास है।
एकात्म मानव दर्शन Ekatma Manav Darshan
About the Book : एकात्म मानव दर्शन पर आर स स के 2nd सरसंघचालक श्री गुरूजी …
भारत के राष्ट्रत्व का अनन्त प्रवाह Bharat ke Rashtratva ka anant pravaah
आज राष्ट्र के स्वत्व के संदर्भ में नकारात्मक टिप्पणियों को सही मानने की प्रवृत्ति देखकर लगता है कि टिप्पणीकार और उसके पक्ष में खड़े होने लोगों को अपने देश के स्वत्व की जानकारी शायद कम है। इसी पृष्ठभूमि पर एक सार्थक विवेचन है ‘भारत के राष्ट्रत्व का अनंत प्रवाह’।
Author : Ranga Hari ; Pages 216
Sanket Rekha संकेत रेखा
Edited by Bhanu Pratap Shukla “Sanket Rekha” authored by Dattopant Thengadi. This book is based on …
शिवाजी व सुराज – Shivaji & Suraj ( Hindi )
हमारी आज की परिस्थिति में हम सबको आवश्यक प्रतीत होनेवाला नया निर्माण शिवाजी महाराज द्वारा निर्मित …
कानून निर्माण में महिलाओं का योगदान Kanoon Nirmaan mein Mahilaon ka yogdaan
कानून निर्माण में महिलाओं का योगदान Kanoon Nirmaan mein Mahilaon ka yogdaan
डॉ. विद्या देवधर का यह ग्रंथ अर्थात् हिमालय के गौरीशंकर तर पहुँचने का सफल प्रयत्न है | सुधी नागरिकजन इसका स्वागत करेंगे | इस ग्रंथसे ज्ञात होता है कि महिलाओ द्वारा लोकसभा में कानून बनाने हेतू बिल प्रस्तावित करने में विषयों की विविधता है | और बिल प्रस्तुत करनेवाली अन्य-अन्य क्षेत्र की अनेक महिलाएं यह सिद्ध करती है की शासन-प्रशासन सुचारु रुप से चलने के लिए सक्षम है…