Man of the Millennia – Dr. Hedgewar
Man of the Millennia – Dr. Hedgewar
The translation in English of the biography of Dr. Hedgewar originally written in Marathi by Shri N. H. Palkar, a devoted Pracharak and in charge of RSS work in Maharashtra, namely ‘Man of the Millennia – Dr. Hedgewar’ by Sri Anil D Nene will provide a detailed account of the man and his mission for English readers.
Spiritual Democracy
Spiritual Democracy
“Spiritual Democracy” is an attempt to take a macroscopic look at the status of politics in world, and in India, existing today and the role of “Integral Humanism” approach of Pandit Deen Dayal Upadhayay into creating a politics that is all-inclusive, oriented towards the people and rooted in integrity.
पृथ्वी सूक्त : धरती माता के प्रति श्रद्धांजलि Prithvi sukta Dharti mata ke prati shradhanjali
पृथ्वी सूक्त : धरती माता के प्रति श्रद्धांजलि Prithvi sukta Dharti mata ke prati shradhanjali
अथर्ववेद में पाया गया पृथ्वी-सूक्त एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और एक आदर्श संबंध को मूर्त रूप देने से संबंधित मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करता है जो प्राकृतिक दुनिया के जीवित और निर्जीव तत्वों के बीच मौजूद होना चाहिए। पृथ्वी-सूक्त में मौजूद छंद, धरती माता पर उगने वाली हर चीज और इसके द्वारा बनाए गए जीवन की संपूर्णता का प्रतीक और प्रतिनिधित्व करते हैं।
संघ और स्वराज – Sangh Aur Swaraj
संघ और स्वराज – Sangh Aur Swaraj
यह पुस्तक हमें बताती है कि संघ अपने जन्म से ही स्वराज के प्रति समर्पित था। डॉ. हेडगेवार का जीवन और वह शपथ, जो स्वयंसेवक लेते थे, स्वतंत्रता संग्राम के प्रति समर्पण को स्पष्ट रूप से दिखाते हैं। इस स्वतंत्रता को स्वराज में बदलने के लिए भारत को अनुशासित और साहस रखनेवाले युवाओं की आवश्यकता थी, जो राष्ट्र के प्रति समर्पित हों। ब्रिटिश दस्तावेज स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि वे स्वतंत्रता संग्राम में संघ की बढ़ती ताकत को लेकर सतर्क थे।
We and the World Around
We and the World Around
- Excerpt from Foreword by Dr. Mohan ji Bhagwat, RSS Sarsanghchalak
परम पूजनीय श्रीगुरुजी Param Poojaneeya Guruji
परम पूज्य गुरुजी का लंबा और अंतरंग सानिध्य प्राप्त होने का सौभाग्य श्रद्धेय दत्तोपंत जी को …
मैं साधारण स्वयंसेवक – Mai Sadharan Swayamsevak
अनेक स्वयंसेवक अपना परिचय ‘मैं एक साधारण स्वयंसेवक हूँ’ – इन शब्दों में करा देते हैं। परिचय के इस सादे सूत्र को लेकर इस बौद्धिक वर्ग में परम पूजनीय श्री गुरुजी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की समूची विशेषताओं का प्रतिपादन किया है।
कथा कल्पतरु – Katha Kalpataru
कथा कल्पतरु – Katha Kalpataru
प. पू. श्री गुरुजी सार्वजनिक भाषणों में, संघ-स्वयंसेवकों के सम्मुख बौद्धिकों में, अनेक छोटी-छोटी बोधप्रद कथाओं द्वारा विषय को सरल बनाकर समझाते थे। ये कथाएं कोई उन्होंने गढी थीं, ऐसी बात नहीं। अपने ही प्राचीन ग्रंथों में, साहित्य में आयी हुई इन कथाओं का, सामयिक उपयोग, वे, रोचक ढंग से किया करते थे।
उन्हीं कथाओं का संकलन कर, उन्हें प्रस्तुत करने का यह प्रयास है। कथा- कल्पतरु के रूप में प्रस्तुत हैं।
ಕೃತಿರೂಪ ಸಂಘ ದರ್ಶನ Kritiroop Sangh Darshan ( Kannada )
1925ರಲ್ಲಿ ಸ್ಥಾಪಿತವಾದ ರಾ.ಸ್ವ.ಸಂಘ ಇಂದು ರಾಷ್ಟ್ರಪುನರ್ನಿಮರ್ಾಣದ ಮುಂಚೂಣಿಯಲ್ಲಿದೆ. ಇದರಷ್ಟು ವ್ಯಾಪಕ ಸಂಘಟನೆ ಭಾರತದಲ್ಲಿ ಬೇರೆ ಇಲ್ಲ. ರಾಜ್ಯ ಸಂಘದ ಕಾರ್ಯರೀತಿಯೂ ವೈಶಿಷ್ಟ್ಯಪೂರ್ಣ, …
ಸ್ಮೃತಿ ಮಂದಾರ Smriti Mandara
About the book : ನಮ್ಮೆಲ್ಲ ಸ್ವಯಂಸೇವಕರು ಈ ಗ್ರಂಥದ ಅಧ್ಯಯನದಿಂದ ತಮ್ಮ ಚಿಂತನ, ಮಾತು ಹಾಗೂ ಕೃತಿಯನ್ನೂ ಡಾಕ್ಟರ್ಯವರಂತೆ ರೂಪಿಸುವ …
మన సూరూజీ Mana Suruji
మన సూరూజీ Mana Suruji
శ్రీ సూర్యనారాయణ రావు గారు అనేక సంవత్సరాలు రాష్ట్రీయ స్వయంసేవక్ సంఘ ప్రచారక్ గా పని చీసారు , వేలాది మందికి ప్రేరణగా నిలిచారు . వారిని విన్న వారు వారిని “అపర వివేకానంద” అనే వారు. ఆర్ఎస్ఎస్ అఖిల భారతీయ సేవ ప్రముఖ్ బాధ్యతను నిర్వహించి అనేక సేవ కార్యాలకు సూత్రధారి అయ్యారు. ఈ పుస్తకం వారి జీవితాని పరిచయం చేసి ఒక చిన్న ప్రయత్నం
शाखा सुरभि
हमारी प्रार्थना और प्रतिज्ञा
हमारी प्रार्थना और प्रतिज्ञा
हिन्दू राष्ट्र क्यों
The Life and Times of Rajju Bhaiya (Includes his own recorded audio memories)
The Life and Times of Rajju Bhaiya (Includes his own recorded audio memories)
Rajju Bhatya was an effulgent, ever smiling, humble and publicity shy person who had friends across the political spectrum; a spiritual scientific mind who could see nothing but goodness in every human being. This is an easy flowing account of his life by Dr. Ratan Sharda that will inspire every reader.
जंगल सत्याग्रह और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ Jungle Satyagraha aur RSS
स्वतंत्रता कब और कैसे मिलेगी यह प्रश्न जब सर्वत्र पूछा जा रहा हो तब ‘हम पराधीन क्यों हुए और हमारी स्वतंत्रता अक्षुण्ण कैसे रहे’ इस प्रश्न का न केवल मूलभूत चिंतन, अपितु इसके उत्तर हेतु भी डा. हेडगेवार जी ने प्रयास आरंभ कर दिए थे। डा. हेडगेवार ने हमेशा ‘नैमित्तिक’ आंदोलनात्मक कार्य तथा राष्ट्र निर्माण के ‘नित्य’ कार्य को महत्व दिया। इस प्रकार के आंदोलन करने की आवश्यकता ही न पड़े ऐसी परिस्थिति निर्माण करना ही वास्तव में डाक्टरजी का दीर्घकालिक उद्देश्य था।
छत्रपति शिवाजी महाराज जीवन संदेश-chhatrapthi shivaji maharaj jeevan
भगवान राम के जीवन का कारण ‘रावण संहार’ रहा होगा। भगवान कृष्ण के जीवन का कारण …
श्री गुरुजी दृष्टि और दर्शन Sri Guruji dristi aur darshan
श्री गुरुजी दृष्टि और दर्शन Sri Guruji dristi aur darshan
पू. श्री गुरुजी के ये विचार मात्र शब्द नहीं है। यह उनके जीवन की दृष्टि है, वह शाश्वत, सनातन दर्शन है जिसको उन्होंने अपनी जीवन तपस्या से विश्वभर में प्रवर्तित व परावर्तित किया। अतएव इसका प्रत्येक अक्षर मनुष्य के जीवन में ध्येय दृष्टि, दिव्य जीवन की प्रेरणा व स्फूर्ति भरने का अतीव सामर्थ्य रखता है।
ఆర్ ఎస్ ఎస్ ప్రణాళిక 21వ శతాబ్దం కోసం RSS Roadmaps ( Telugu )
ఆర్ ఎస్ ఎస్ ప్రణాళిక 21వ శతాబ్దం కోసం RSS Roadmaps ( Telugu )
RSS – Roadmaps for the 21st Century పుస్తకం యొక్క తెలుగు అనువాదం .
हैदराबाद निःशस्त्र प्रतिरोध Hyderabad nishastra pratirodh
हैदराबाद निःशस्त्र प्रतिरोध Hyderabad nishastra pratirodh
हैदराबाद निःशस्त्र प्रतिरोध : आर एस एस , आर्य समाज, हिन्दू महासभा का योगदान
सन् 1938 में स्थिति और भी भयावह हो गई। हिंदुओं के लिए शिकायतें दर्ज कराने के मार्ग भी बंद कर दिए गए। अन्यायी निजाम राजशाही के विरुद्ध निःशस्त्र प्रतिरोध करने के अतिरिक्त हिंदुओं के समक्ष कोई अन्य विकल्प नहीं बचा था।
इस चुनौती का सामना करने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक , आर्य समाज, हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं ने अप्रतिम साहस का परिचय दिया । परंतु इस संघर्ष के विषय में बहुत कम समाचार मुद्रित हुई है। डॉ श्रीरंग गोडबोले ने अभिलेखागारों तथा अन्य सामग्री के आधार पर इस शोध पुस्तक की रचना की है ।
‘द्रष्टा संघटक बाळासाहेब देवरस (Marathi ) Drasta Sanghatak Balasaheb Devras
‘द्रष्टा संघटक बाळासाहेब देवरस (Marathi ) Drasta Sanghatak Balasaheb Devras
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघाचे तिसरे सरसंघचालक मधुकर दत्तात्रय तथा बाळासाहेब देवरस यांच्या सुमारे साठ वर्षांच्या संघकार्याचा, समकालीन आणि संघाच्या अभिलेखागारातील अप्रकाशित साहित्याचा अभ्यास करुन, मांडलेला जीवनपट म्हणजे ‘सांस्कृतिक वार्तापत्रा’ने काढलेला विशेषांक – ‘द्रष्टा संघटक बाळासाहेब देवरस’
युगप्रवर्तक डॉ. हेडगेवार (Marathi) Yugpravartak Dr Hedgewar
रा.स्व. संघाच्या अभिलेखागारात जपून ठेवलेली हजारो पत्रे, टिपणे आणि कागदपत्रे यांचा अभ्यास करून त्यातील अप्रकाशित साहित्याने पूर्णत्वास आलेला, संघाचे संस्थापक ‘डॉ.केशव बळीराम हेडगेवार’ यांचा जीवनपट अत्यंत तपशीलवार आणि नेमकेपणाने मांडणारा ‘सांस्कृतिक वार्तापत्रा’चा संग्राह्य विशेषांक- युगप्रवर्तक डॉ. हेडगेवार.