हिन्दुत्व पुराने संदर्भ नए अनुबंध : Hindutva : purane sandarbh naye anubandh

जीवनमूल्य समाज का जीवनविषयक तत्त्वज्ञान होता है और यह तत्त्वज्ञान समाजजीवन को सार्थकता प्रदान करता है।  इसलिए विभिन्न व्यवस्थाओं की समाज के जीवनमूल्यों के साथ सुसंगति ही नहीं तो एकात्मता आवश्यक होती है। कालप्रवाह में व्यवस्थाएं पद्धतियां और संस्थाएं बदल जाती हैं, उन्हें बदलना भी पड़ता है परंतु प्रत्येक परिवर्तन को पुराने संदर्भों को ध्यान में रखना पड़ता हैं।

60.00

2 in stock

Compare
SKU: BhtPr_009 Categories: , , Tag:

Description

About the book : 

प्राचीन संस्कृति की विरासत लेकर चलनेवाले किसी भी जनसमूह की मूल्यांकन पद्धति (व्हेल्यू सिस्टम) कुछ प्रमाण में निश्चित हो चुकी होती है, इसके आधार पर जीवन-मूल्य निर्धारित हो चुके होते हैं और उन जीवन-मूल्यों की कसौटी पर ही श्रेय और हेय का निर्धारण होता है।

सारांश यह कि जीवनमूल्य समाज का जीवनविषयक तत्त्वज्ञान होता है और यह तत्त्वज्ञान समाजजीवन को सार्थकता प्रदान करता है।  इसलिए विभिन्न व्यवस्थाओं की समाज के जीवनमूल्यों के साथ सुसंगति ही नहीं तो एकात्मता आवश्यक होती है। कालप्रवाह में व्यवस्थाएं पद्धतियां और संस्थाएं बदल जाती हैं, उन्हें बदलना भी पड़ता है परंतु प्रत्येक परिवर्तन को पुराने संदर्भों को ध्यान में रखना पड़ता हैं।

पुराने हिंदु विचारकों ने समय-समय पर इसी प्रकार से परिवर्तन लाए । परिवर्तन लानेवाले, विघटनकारी विद्रोही नहीं थे अपितु वे अपूर्णताएं और न्यूनताएं दूर करनेवाले थे।

Shri Bharati Prakashan ; Paperback ;

Author

Ma.Go.Vaidya

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “हिन्दुत्व पुराने संदर्भ नए अनुबंध : Hindutva : purane sandarbh naye anubandh”

You may also like

Select at least 2 products
to compare