Description
हिंदुत्व की विचारधारा के राजनीतिक पुरोधा विनायक दामोदर सावरकर बीसवीं सदी के सर्वाधिक चर्चित विचारकों में से एक हैं। जब वह लंदन में कानून की पढ़ाई कर रहे थे और भारत की आज़ादी के लिए अंतररार्ष्ट्रीय समर्थन जुटा रहे थे, उन्हें गिरफ्तार कर उन पर अनुचित तरीके से देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया और अंडमान के सेल्युलर जेल में अमानवीय यातनाएँ दी गईं। सावरकर के समाज सुधार कार्यों या सक्रिय राजनीतिक जीवन का गंभीर मूल्यांकन कम ही हुआ। ऐसा ही गांधी हत्याकांड में उनकी कथित भूमिका को लेकर हुआ जिससे उन्हें बाद में बरी कर दिया गया। यह पुस्तक उसी शून्य को भरने का एक प्रयास है।
विस्तृत और बेहद ज़रूरी इस दो खंडों की पुस्तक श्रृंखला में विक्रम सम्पत सावरकर के जीवन और उस कालखंड को दुनिया के सामने ला रहे हैं जो अभी तक लगभग अनकहा और इसी वजह से करीब-करीब अज्ञात भी रहा है।
Publisher : Penguin ; PaperBack ; Author : Vikram Sampath ; Pages : 1140 Language: Hindi
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