Description
घर वापसी की बात मात्र इसी आधार पर नहीं होनी चाहिए कि भारत के मुसलमान और ईसाई पहले के हिंदू थे, अतः उन्हें पुनः हिंदू बनाने का प्रयास ठीक है। उस का एक बड़ा और दार्शनिक, व्यवहारिक कारण भी है। वह यह कि इस्लाम और ईसाइयत, दोनों की वैचारिक भित्तियों को केवल भौतिक ताकत के बल पर बनाए रखा गया है। इस्लाम के प्रसंग में तो यह सीधे-सीधे हिंसा और राजनीतिक ताकत ही है। जिसे यदि हटा लिया जाए, तो उसकी वैचारिकता स्वतः ढह जाने वाली है। उस के बाद मुसलमान लोग सहज मानवीय स्थिति में आ जाएंगे, और भारतीय स्थिति में वह वृहत हिंदू परिवेश का अंग बन जाने का ही दूसरा नाम होगा। इस में किसी बल-प्रयोग छल-छद्दम की जरूरत नहीं। उलटे केवल इस्लाम को बल और छल का सहारा लेने से अलग करने भर की जरूरत है।
Author : Shankar Sharan ; Publisher : Akshaya Prakashan; Pages : 128 ; PaperBack
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