हिन्दू ईशॉप अद्यतन : चैत्र मास
- March 24, 2023
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हिन्दू ईशॉप अपडेट
हिन्दू ईशॉप पर नए पुस्तकें
हिन्दू संगठक वीर सावरकर
सावरकर जी के हिन्दू संगठक पहलु पर प्रकाश डालती यह पुस्तक कई बातों का खुलासा करने जा रही है | अंडमान में किया गया हिन्दू संगठन, रत्नागिरी में छुआछूत निर्मूलन, हिन्दुओं को सेना में भर्ती होने की आग्रही भूमिका का मुख्य कारण आदि कई विषयों का विस्तार पूर्वक विवेचन इस पुस्तक में किया गया है |
गौरक्षा संग्राम
आप के लिए कुछ पुस्तकें
शक्तिपुत्र शिवाजी
भारतवर्ष के इतिहास की किसी भी विगतसंशय व्याख्या में शिवाजी का स्थान स्वयमेव सुनिश्चित हो जाता है।अन्यान्य महापराक्रमी महाराजाओं के समान शिवाजी ने भी स्वजाति के आत्म-परित्राणात्मक संग्राम को विजयोन्मुख करके इतिहास के प्रवाह को पलट दिया था। वे मुसलमान म्लेच्छवाहिनी के सामने पश्चात्पद होती हुई देवसेना को पुनः पराक्रमोन्मुख करने वाले स्कन्दावतार थे। इसीलिए हमने उनको ‘शक्तिपुत्र’ कहकर उनका प्रकृत परिचय दिया है।
विनाशपर्व
अंग्रेजों की क्रूरता, बर्बरता, निर्मगता और भारतीयों पर किए हुए उनके अन्याय व अत्याचार के साथ ही अंग्रेजों द्वारा भारत की लूट का तथ्यपूर्ण विवरण इस पुस्तक में संकलित हैं। साथ ही अंग्रेजों के आने के पहले भारत की स्थिति क्या ची, अंग्रेजों ने कैसे भारत की जमी-जमाई व्यवस्थाओं को छिन्न-भिन्न किया और इनके जाने के बाद भारत की स्थिति क्या रही इस पर विस्तार से प्रकाश डालनेवाली यह पुस्तक अपनी सहज-सरल प्रस्तुति तथा प्रवाहपूर्ण भाषा-शैली के बलते नई पीढ़ी को अपनी ओर अवश्य आकर्षित करेगी।
रामायण के किस्से (Tales Of Ramayan Jigsaw Puzzle Box)
Tales of Ramayan Jigsaw Puzzle (Cardboard) 4 in 1 Ramayan Jigsaw Puzzle. Each jigsaw puzzle for kids has 35 pieces that come in a sturdy cardboard box for easy transport and storage. Puzzles are from stories of Ramayan where kids can scan the QR code and watch the full story.
धर्म और संस्कृति
गत लगभग ४५–५० वर्षों के कालखण्ड में धर्म और संस्कृति को लेकर तथाकथित सेक्यूलर तथा वामपन्थी शक्तियों ने जिस प्रकार का अपप्रचार कर हिन्दू मन-मस्तिष्क को प्रदूषित करने का प्रबल अभियान चला रखा है, उससे उपजे और प्रसृत विभ्रम का नीर-क्षीर विवेकी पद्धति से विवेचन एक अपरिहार्यता बन चुका है। इस विषय की गम्भीरता की अब तक विभिन्न विचारकों ने जिस प्रकार विवेचना की है, उसकी नीरसता के कारण सुधी पाठक भी उसे पढ़ने में ऊब-सी अनुभव करने लगते हैं |
हिन्दू धर्म एवम् संस्कृति की सनातनता एक स्वयंसिद्ध सत्य है। उसे किसी बाह्य प्रमाण की आवश्यकता न कभी रही है, न है और न हो सकती है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक माननीय रंगा हरि जी की तपःपूत लेखनी से निःसृत स्वतः प्रमाणम् विवेचना प्रबुद्ध पाठकों के सम्मुख प्रस्तुत है, जो लोक-मानस में राष्ट्र-विरोधी तत्त्वों द्वारा फैलाये गये कुहासे और धुँधलके को छाँटकर उनके अन्तःकरण को निर्मल प्रकाश से भास्वर करने की असन्दिग्ध क्षमता समन्वित है। ऐसी तर्कपूर्ण, सुसंगत, तथ्यपरक और अज्ञान अन्धकार को विदीर्ण कर सन्मार्ग का सम्बोध करानेवाली इस विवेचना का स्वागत विषय के पारखी विद्वानों ने ही नहीं, अन्यान्य जिज्ञासुओं द्वारा भी किया जायेगा, ऐसा विश्वास न करने का कोई कारण नहीं है ।
लोकहित प्रकाशन का श्री रंगा हरि जैसे श्रेष्ठ चिन्तक एवम् विचारक राष्ट्रसेवी की इस अमूल्य कृति को प्रकाशित कर स्वयम् को गौरवान्वित और धन्य अनुभव करना सहज स्वाभाविक है।।