Description
यह पुस्तक वामपंथ की वास्तविकता और उसके रणनीतिक एजेंडों को उजागर करती है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे वामपंथी शक्तियाँ पश्चिमी देशों की पारंपरिक सामाजिक संरचनाओं को कमजोर करने के लिए अतिवाद, विकृत स्त्रीवाद, और सांस्कृतिक विकृतिकरण जैसे उपकरणों का उपयोग कर रही हैं। यह नव-मार्क्सवाद या ‘वोकिज़्म’ का भारतीय समाज पर बढ़ते प्रभाव को भी दर्शाती है, और इसे रोकने के लिए सावधान करती है। यह पुस्तक उन सभी के लिए महत्वपूर्ण है जो समाज और राष्ट्र की भलाई के प्रति जागरूक हैं।
Author : Abhijit Jog ; Publisher: Garuda : Paperback; Pages : 292
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