Description
भारत की सामाजिक एकता, उत्थान तथा राष्ट्रीय निर्माण में सिख गुरुओं का अमूल्य योगदान रहा है। प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव से लेकर दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह तक सभी दस गुरुओं का जीवनकाल कुल 239 वर्षों का रहा। इस दौरान सिख गुरुओं ने पंजाब तथा पंजाब से बाहर व्यापक भ्रमण किया और अपने उपदेश तथा व्यावहारिक जीवन द्वारा समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन लाकर उसकी दशा और दिशा ही बदल दी। राष्ट्र के गौरव और धर्म की रक्षा का प्रश्न आया तो छठे एवं दसवें गुरुओं ने न केवल शस्त्र धारण किए और अत्याचारी हुकूमत के खिलाफ धर्मयुद्ध लड़े बल्कि पीढ़ी-दर-पीढ़ी बलिदान देने से भी पीछे नहीं हटे।
प्रस्तुत कृति ‘सिख गुरु गाथा’ सिख गुरुओं के त्याग तपस्यामय, बलिदानी, आदर्श व प्रेरक जीवन पर प्रकाश डालने के साथ ही उनका संपूर्ण जीवन-वृत्त प्रस्तुत करती है।
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