Description
नष्ट होते पर्यावरण और बढ़ते प्रदूषण को लेकर आज संपूर्ण संसार सर्वाधिक चिन्तित है। स्वाभाविक रीति से विश्वमंगल की कामना करने वाले हम सब लोगों को भी इस विषय को योग्य प्रकार से समझना आवश्यक है।
पर्यावरण के विषय की समझदारी बढ़ाने के लिए केवल हमको ही नहीं, अपितु संसार के सभी विचारकों, मनीषियों को एक बार प्रामाणिकता के साथ हिन्दू दर्शन हिन्दू दृष्टि, हिन्दू जीवन-विधान, हिन्दू जीवन शैली, हिन्दू व्यवहार शैली, पर्व, परम्पराओं, रीति-रिवाज, तीज-त्यौहार और जीवन के रहे हुए व्यवहार के सम्बन्ध में गहराई से अध्ययन ही नहीं विवेचन और विश्लेषण भी करना चाहिये।
Publisher Suruchi
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