Sale!

महायोद्धा की महागाथा Mahayoddha Ki Mahagatha

जनरल बिपिन रावत का विराट व्यक्तित्व, दृढ़ चरित्र और बेहतरीन कार्य कौशल, अतिसामान्य सरल व्यवहार, सबकुछ इतना स्वाभाविक और गैर-बनावटीपन वाला तथा प्रभावोत्पादक था कि जो उनसे एक बार भी मिलता, सहज ही प्रभावित हो जाता। उनकी सैन्य रणनीतियाँ, कार्य-तत्परता, अध्ययन, विश्लेषण, बेखौफ, बेलौस, बेबाक बयानगी, उनकी कर्मशीलता, उनकी मानवीय न्यायप्रियता तथा भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस किसी भी निष्पक्ष और निरपेक्ष को उनके पक्ष में कर देता था।

Original price was: ₹500.00.Current price is: ₹450.00.

2 in stock

Compare

Description

संक्षिप्त पुस्तक परिचय : 

भारत के प्रथम सी.डी.एस. जनरल बिपिन रावत अदम्य इच्छाशक्ति और अपूर्व दूरदृष्टि-संपन्न महायोद्धा थे । अपने सैन्य जीवन में उन्होंने प्रखत्ता और तेजस्विता के साथ नेतृत्व किया। उन्हें मालूम था कि वे जिस मिशन पर आगे बढ़ रहे हैं, वह देशहित के लिए है, दूरदर्शी व दूरगामी है; भारतीय सेना के भविष्य की बेहतरी के लिए है। भले ही यह उनके लिए काँटों भरा ताज रहा हो, पर वे कभी नहीं डिगे। उन्होंने सेनाओं में जितने भी सुधार लागू किए, उन्हें पहले खुद पर भी लागू किया। सेनाओं में नैतिक मूल्यों और भ्रष्टाचार के खिलाफ उन्होंने ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई। वे सेनाओं में ‘मेक इन इंडिया’ के सबसे बड़े पुरोधा थे। उन्होंने डी.आर. डी.ओ. और सेनाओं के भीतर अंतर्विरोध के बावजूद देश में हथियार और सैन्य साजो-सामान बनाने पर पूरा जोर दिया।

जनरल बिपिन रावत का विराट व्यक्तित्व, दृढ़ चरित्र और बेहतरीन कार्य कौशल, अतिसामान्य सरल व्यवहार, सबकुछ इतना स्वाभाविक और गैर-बनावटीपन वाला तथा प्रभावोत्पादक था कि जो उनसे एक बार भी मिलता, सहज ही प्रभावित हो जाता। उनकी सैन्य रणनीतियाँ, कार्य-तत्परता, अध्ययन, विश्लेषण, बेखौफ, बेलौस, बेबाक बयानगी, उनकी कर्मशीलता, उनकी मानवीय न्यायप्रियता तथा भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस किसी भी निष्पक्ष और निरपेक्ष को उनके पक्ष में कर देता था।

भारतीयों के गौरवपुरुष जनरल बिपिन रावत के पराक्रमी और प्रेरक जीवन की यशोगाथा है यह कृति।”

ISBN : 9789395386517 ; Hard Cover : Pages 184 ; Prabhat books

लेखक परिचय : 

मनजीत नेगी देवभूमि उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के मूल निवासी हैं। प्रारंभिक शिक्षा गाँव में हुई। उसके बाद ऋषिकेश में भरत मंदिर इंटर कॉलेज और हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय के तहत आनेवाले राजकीय महाविद्यालय से बी.कॉम. की परीक्षा पास की। सन् 2000 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से पत्रकारिता करने के बाद राजधानी दिल्ली में कॅरियर की शुरुआत। सहारा समय और इंडिया टी.वी. में रक्षा संवाददाता के तौर पर काम किया।

दुनिया के सबसे ऊँचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन से लेकर गहरे समंदर में पनडुब्बी के अंदर तक और सरहद के हर मोर्चे पर रिपोर्टिंग की है। 2003 में गुजरात में आया विनाशकारी भूकंप हो या 2010 में लेह में आई भीषण बाढ़, मनजीत नेगी को ‘ग्राउंड जीरो से रिपोर्टिंग करनेवाला पत्रकार’ कहा जाता है। 2013 में केदारनाथ में विनाशकारी आपदा के बाद वहाँ पहुँचने वाले सबसे पहले टी.वी. पत्रकार थे। केदारनाथ आपदा और उसके बाद केदारधाम के पुनर्निर्माण पर चर्चित पुस्तक ‘केदारनाथ से साक्षात्कार’ लिख चुके हैं।

इस पुस्तक की प्रस्तावना खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखी और विमोचन भी किया। अब इस पुस्तक का अंग्रेजी संस्करण ‘फेस टु फेस विद केदारनाथ’ भी आ चुका है।

उनकी दूसरी पुस्तक ‘हिल-वॉरियर्स’ के नाम से प्रकाशित हुई। इस पुस्तक में मनजीत नेगी ने उत्तराखंड के ऐसे 11 सपूतों की जीवनयात्रा का चित्रण किया है, जिन्होंने अपनी मेहनत, ईमानदारी के दम पर शीर्ष मुकाम हासिल किया। मनजीत नेगी एक अच्छे पर्वतारोही भी हैं। वर्तमान में इंडिया टुडे ग्रुप के आजतक चैनल में संपादक के पद पर काम कर रहे हैं।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “महायोद्धा की महागाथा Mahayoddha Ki Mahagatha”

Select at least 2 products
to compare