Description
“चन्देलों की बेटी थी, गौंडवाने की रानी थी, चण्डी थी रणचण्डी थी, वह दुर्गावती भवानी थी।”
जब-जब भारत माता के ऊपर संकट आया है, तब-तब यहाँ पर महान वीरों और वीरांगनाओं ने जन्म लेकर माता के संकट को मिटाया है। महारानी दुर्गावती भी एक ऐसी ही वीरांगना थी, जिन्होंने अपना बलिदान देकर भारत माता की शान में चार चाँद लगाए ।
Publisher Hindi Sahitya Sadan
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