Description
पू. श्री गुरुजी के ये विचार मात्र शब्द नहीं है। यह उनके जीवन की दृष्टि है, वह शाश्वत, सनातन दर्शन है जिसको उन्होंने अपनी जीवन तपस्या से विश्वभर में प्रवर्तित व परावर्तित किया। अतएव इसका प्रत्येक अक्षर मनुष्य के जीवन में ध्येय दृष्टि, दिव्य जीवन की प्रेरणा व स्फूर्ति भरने का अतीव सामर्थ्य रखता है।
यह संपूर्ण विश्व व मानवता के लिए हितकर अतएव श्रेयस्कर युगानुकूल निरूपण है। देश, काल, परिस्थिति के परे सृष्टि धारण करने वाले सत्य धर्म की यह अभिव्यक्ति है। सदा सर्वदा सभी मानवों के लिए सर्वधा स्वीकार्य यह वैश्विक जीवन दर्शन है। ध्येयनिष्ठ कार्यकर्ताओं के लिए तो यह अखंड प्रेरणा का अमृत पाथेय है।
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