छह स्वर्णिम पृष्ठ 6 Swarnim prasht
छह स्वर्णिम पृष्ठ 6 Swarnim prasht
प्रस्तुत ग्रंथ ‘छह स्वर्णिम पृष्ठ’ में हिंदू राष्ट्र के इतिहास का प्रथम स्वर्णिम पृष्ठ है यवन-विजेता सम्राट् चंद्रगुप्त की राजमुद्रा से अंकित पृष्ठ, यवनांतक सम्राट् पुष्यमित्र की राजमुद्रा से अंकित पृष्ठ भारतीय इतिहास का द्वितीय स्वर्णिम पृष्ठ, सम्राट् विक्रमादित्य की राजमुद्रा से अंकित पृष्ठ इतिहास का तृतीय स्वर्णिम पृष्ठ है। हूणांतक राजा यशोधर्मा के पराक्रम से उद्दीप्त पृष्ठ इतिहास का चतुर्थ स्वर्णिम पृष्ठ, मुसलिम शासकों के साथ निरंतर चलते संघर्ष और उसमें मराठों द्वारा मुसलिम सत्ता के अंत को हिंदू इतिहास का प स्वर्णिम पृष्ठ कह सकते हैं और अंतिम स्वर्णिम पृष्ठ है अंग्रेजी सत्ता को उखाड़कर स्वातंत्र्य प्राप्त करना। विश्वास है, क्रांतिवीर सावरकर के पूर्व ग्रंथों की भाँति इस ग्रंथ का भी भरपूर स्वागत होगा।
Veer Savarkar : Allegations and Reality
Veer Savarkar : Allegations and Reality
సావర్కర్ అంటే.. సమున్నత వ్యక్తిత్వం Savarkar ante
ఆంగ్లేయుల పాలనలో నుండి హిందూదేశాన్ని విముక్తం చేయడానికి పూనుకొనిన సింహకిశోరాలను తీర్చిదిద్ది ఆంగ్లేయుల నడిగడ్డ మీదనే లండన్ నగరంలోనే దుర్మార్గులైన, దుశ్శాసకులుగా వర్తించిన ఆంగ్లేయులను మట్టుబెట్టించి, విప్లవ శంఖారావం పూరించిన వీర వినాయక దామోదర్ సావర్కర్ చరితం ప్రపంచ ప్రజలను ఆశ్చర్యంలో ముంచెత్తే వీరగాథ.
Veer Savarkar – Amar Chitra Katha
Veer Savarkar – Amar Chitra Katha
This Amar Chitra Katha highlights the life of revolutionaries who were exiled to the dreaded cellular …