भारत की भारतीय अवधारणा Bharat ki Bharateeya Avadharana
भारत की भारतीय अवधारणा Bharat ki Bharateeya Avadharana
भारत की अस्मिता क्या है ? भारत के मौलिक विचार क्या है ? भारत क्या वास्तव में एक सांस्कृतिक खिचड़ी है, या फिर इसकी कोई मूल सांस्कृतिक धरा है ? भारत का वैश्विक दृष्टीकोण का धरातल क्या है ? ये पुस्तक इन प्रश्नों पर प्रकाश डालती है.
यह पुस्तक विविध चिंतकों द्ववारा राष्ट्र , अर्थ इतिहास आदि विषयों पर प्रबोधन का संकलन है
हलाल प्रमाणन Halal Pramanan
हलाल के माध्यम से कट्टरपंथ, आतंकवाद और उम्मा को बढ़ावा दिया जा रहा है। यही नही, यह गैर-मुसलमानों के संवैधानिक, धार्मिक और मौलिक अधिकारों का भी हनन कर रहा है। एक अध्ययन के अनुसार इससे गैर-मुसलमानों का रोजगार भी प्रभावित हो रहा है। इसलिए हलाल की वर्तमान स्थिति के प्रति जागरूकता बेहद जरूरी है। अतः इस संबंध में हलाल – तथ्यपरक विश्लेषण एक पहल है जिससे लोगों को हलाल के रूप में पैदा हो रहे खतरे के प्रति आगाह किया जा सके।
आर एस एस – प्राथमिक परिचय-४ पुस्तकों का संच – Primer on RSS – Hindi
विजेत्री संघ “ – यह ४ पुस्तकों का संच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विषय में प्राथमिक जानकारी देती है.
भारत के राष्ट्रत्व का अनन्त प्रवाह Bharat ke Rashtratva ka anant pravaah
आज राष्ट्र के स्वत्व के संदर्भ में नकारात्मक टिप्पणियों को सही मानने की प्रवृत्ति देखकर लगता है कि टिप्पणीकार और उसके पक्ष में खड़े होने लोगों को अपने देश के स्वत्व की जानकारी शायद कम है। इसी पृष्ठभूमि पर एक सार्थक विवेचन है ‘भारत के राष्ट्रत्व का अनंत प्रवाह’।
Author : Ranga Hari ; Pages 216
Paryavaran Darshan – पर्यावरण दर्शन
About the Book : पर्यावरण का अर्थ है – हमारे आसपास का समूचा प्राकृतिक परिवेश जैसे …
Sanket Rekha संकेत रेखा
Edited by Bhanu Pratap Shukla “Sanket Rekha” authored by Dattopant Thengadi. This book is based on …
आर एस एस लक्ष्य और कार्य RSS Lakshya aur Karya
About the Book : यह पुस्तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय सरसंघचालक श्री बालासाहेब देवरस द्वारा …
जीवन मूल्य – Jeevan Mulya – Set of 3 Books ( Hindi )
जीवन मूल्य – ३ पुस्तकों का संच
व्यक्तिगत विकास एवं राष्ट्रोथान हेतु आवश्यक गुणों का सरल विवेचन
कार्यकर्ता – Karyakarta-Hindi
कार्यकर्ता – Karyakarta-Hindi
इस पुस्तक को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ज्येष्ठ कार्यकर्ता श्री मा.गो . वैद्य ने संघोपनिषद कहा है. एक कुशल संघटक अथवा संघ कार्यकर्ता के लिए आवश्यक अनेक विषय इस पुस्तक में है . कोई भी सामजिक कार्यकर्ता के लिए यह मार्गदर्शक सिद्ध होगा .