Description
अखिल भारतीय महिला चरित्र कोश – प्रथम खंड : प्राचिन भारत.
अखिल भारतीय महिला चरित्र कोश,प्राचीन भारत, प्रथम खंड का लोकार्पण ‘आजादी के अमृत महोत्सव के पावन पर्व’ एवं कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर 17 अगस्त 2022 को राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका माननीय शांतक्का जी के उपस्थिती मे, डॉ. मोहनजी भागवत प.पू.सरसंघचालक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा हो राहा हैं. वेद- उपनिषद, रामायण, महाभारत, पुराण तथा बौद्ध और जैन महिलाओं के साढे चारसौ से अधिक चरित्र इस प्राचीन भारत खंड में सम्मिलित हैं. विशेष अभ्यासकों के लिए संस्कृत श्लोक सहित और अधिक विस्तृत चरित्र उपलब्ध किए हैं. धर्म,तत्त्वज्ञान,युद्ध शास्त्र,राजनीती,औषध विज्ञान,नृत्य-संगीत-गायन कला आदि अनेक क्षेत्र मे निपुण एवं परिवार, देश,समाज,संस्कृती रक्षा केलिये कटिबद्ध महिला ओंके चरित्र स्त्रीशक्ती का अद्भुत आविष्कार हैं. समाज के विविध वर्ग तथा जातिके लोगोंका आपस मे प्रेम पूर्ण व्यवहार जाननेसे इ. सा. पूर्वकालीन सामजिक समरसता का उदार जीवनदृष्टी का अनुभव होता है.
यह कोश संदर्भ मूल्य तथा जानकारी की दृष्टि से परिपूर्ण हैं. आधुनिक युवा पीढी की कोश की कल्पना केवल नीरस इतिहास की जानकारी, न हो इसलिए चरित्रकोश का प्रस्तुतीकरण आकर्षक पद्धति से करने का प्रयास किया है. इतिहास के तथ्यों की पुष्टि देनेवाली तालिका, वंशवृक्ष का समावेश कोश मे किया है. ‘राष्ट्र सेविका समिति’ की सेविकायें तथा अन्य अभ्यासकोंने अलग अलग प्रांतों से संदर्भ ग्रंथों की सूची तथा जानकारी का स्त्रोत उपलब्ध किया है.
भारत में प्रथम ही तैयार किए जानेवाला, ‘अखिल भारतीय महिला चरित्रकोश का प्रथम खंड’ आप अपने पुस्तक संग्रह मे संग्रहित करे.
भारत में प्रथम ही तैयार किए जानेवाला, ‘अखिल भारतीय महिला चरित्रकोश का प्रथम खंड’ आप अपने पुस्तक संग्रह मे संग्रहित करे.
क्राउन साईज. 600 पृष्ठ, ; सेविका प्रकाशन
संपादक – सुश्री. चित्रा जोशी, डॉ. विद्या देवधर, डॉ. मेधा ब्रह्मापूरकर.
सह संपादक- डॉ. रजनी शर्मा, डॉ.अंजली वर्मा.
Full Project details :
खंड 1, प्राचीन भारत – वेद- उपनिषद, रामायण, महाभारत, बौद्ध जैन.इ.स.पूर्व काल.
खंड 2, मध्ययुगीन भारत -इ.स.1-1800
खंड 3, अर्वाचिन भारत – इ.स. 1801-1900
खंड 4, आधुनिक भारत- इ.स. 1901-1950
खंड 5, स्वाधीन भारत – इ.स. 1951-1975
खंड 6, स्वाधीन भारत – इ.स. 1976-2000
खंड 2, मध्ययुगीन भारत -इ.स.1-1800
खंड 3, अर्वाचिन भारत – इ.स. 1801-1900
खंड 4, आधुनिक भारत- इ.स. 1901-1950
खंड 5, स्वाधीन भारत – इ.स. 1951-1975
खंड 6, स्वाधीन भारत – इ.स. 1976-2000
Reviews
There are no reviews yet.