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महाराणा : सहस्त्र वर्षो का धर्मयुद्ध ( Hindi ) Maharana

इस क्षणभंगुर अस्तित्व में यदि कोई तत्त्व स्थायी हैं तो वे हैं आत्मसम्मान तथा स्वतंत्रता। ये तत्त्व, बहुत मूल्य चुका कर प्राप्त होते हैं। मेवाड़ के महान सिसोदिया राजवंश ने अपने सुख, संपत्ति व जीवन का मूल्य चुकाकर ये तत्त्व हिंदू समाज को सहजता से दे दिए। एक सहसख्र वर्षों तक अरावली में यायावरों का सा जीवन जीने वाले मेवाड़ के इन अवतारी पुरुषों के कारण ही भारत में आज केसरिया लहराता है।

यह पुस्तक उन महापुरुषों के प्रति हिंदू समाज की कृतज्ञता व्यक्त करने का एक प्रयास है। लेखक ने निष्पक्ष प्रामाणिकता से भारत के इतिहास के साथ हुए व्यभिचार को उजागर किया है । यह पुस्तक स्थापित भ्रांतियों को भंग करने के अतिरिक्त नई मान्यताओं को भी स्थापित करती है

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Description

पुस्तक परिचय :

इस क्षणभंगुर अस्तित्व में यदि कोई तत्त्व स्थायी हैं तो वे हैं आत्मसम्मान तथा स्वतंत्रता। ये तत्त्व, बहुत मूल्य चुका कर प्राप्त होते हैं। मेवाड़ के महान सिसोदिया राजवंश ने अपने सुख, संपत्ति व जीवन का मूल्य चुकाकर ये तत्त्व हिंदू समाज को सहजता से दे दिए। एक सहसख्र वर्षों तक अरावली में यायावरों का सा जीवन जीने वाले मेवाड़ के इन अवतारी पुरुषों के कारण ही भारत में आज केसरिया लहराता है।

यह पुस्तक उन महापुरुषों के प्रति हिंदू समाज की कृतज्ञता व्यक्त करने का एक प्रयास है। लेखक ने निष्पक्ष प्रामाणिकता से भारत के इतिहास के साथ हुए व्यभिचार को उजागर किया है । यह पुस्तक स्थापित भ्रांतियों को भंग करने के अतिरिक्त नई मान्यताओं को भी स्थापित करती है।

भारतीय उपमहाद्वीप में गत चौदह शताब्दियों से चले आ रहे हिंदू-मुस्लिम संघर्ष को यह पुस्तक उसकी भयानक नग्नता में प्रकट करती है। हत्यारे व बलात्कारी आक्रांताओं के समूह से हिंदू धर्म को बचाकर लानेवाले इन देवपुरुषों के इतिहास को किस निर्लज्जता व निकृष्टता से पोंछ डाला गया है, यह इस पुस्तक का आधार है।

सत्य कोई अवधारणा नहीं, बल्कि जीवन का मूल स्रोत है । जो समाज असत्य में जिएगा, वह बच नहीं सकता। जो समाज सत्य धारण करेगा, वह शाश्वत अमरत्व को प्राप्त होगा। मेवाड़ के महान्‌ पुरखे तो सत्य में जीकर इहलोक व परलोक में परमगति पा गए। क्‍या आज के हिंदू समाज में इतना आत्मबल हे कि सत्य के लिए लड़ सके”’जी सके ”मर सके !

इन प्रश्नों के उत्तर ही निश्चित करेंगे कि हिंदू समाज सफलता के शिखर को छुएगा या अब्राह्मिक मतों की दासता भोगता हुआ मिट जाएगा।

ISBN : 9789355213730 ; Hindi ; Prabhat Prakashan ; Pages : 424 ;

English Version :

Maharanas : A Thousand Year War for Dharma

Author

Omendra Ratnu

1 review for महाराणा : सहस्त्र वर्षो का धर्मयुद्ध ( Hindi ) Maharana

  1. 5 out of 5

    :

    A perfect history of hindua samrat veer shiromani Sri Maharana Pratap Singh ji. Everyone should know about this history.

    • :

      Thank you John ji for your comment on the book

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