Description
पुरातन काल से भारत स्वदेशी के आधार पर ही स्वावलम्बी और श्रेष्ठ राष्ट्र बना जिसने सम्पूर्ण जगत् में विश्व गुरु के नाते अपनी महानता सिद्ध की।चीनी माल से रोजगार के अवसर समाप्त हुए! सस्ते चीनी माल का सर्वाधिक बुरा प्रभाव हमारे रोजगार क्षेत्र पर पड़ा है। सन् 2000 से पहले भारत का खिलौना उद्योग एक समृद्ध उद्योग था किन्तु चीनी खिलौने आयात करने से यह उद्योग नष्ट हो गया।
स्वदेशी को अपनाना ही हम सब देशवासियों के लिए श्रेयस्कर व सुखद होगा।
हमारी आर्थिक उन्नति, सीमाओं की सुरक्षा व रोजगार की बढ़ोतरी के लिए बहुत आवश्यक है कि हम सब भारतवासी ‘चीनी वस्तुओं के बहिष्कार’ के जनान्दोलन को सतत जारी रखें और स्वदेशी अपनायें।
हमारी आर्थिक उन्नति, सीमाओं की सुरक्षा व रोजगार की बढ़ोतरी के लिए बहुत आवश्यक है कि हम सब भारतवासी ‘चीनी वस्तुओं के बहिष्कार’ के जनान्दोलन को सतत जारी रखें और स्वदेशी अपनायें।
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